In this post we will discuss about Bhramari Pranayama in Hindi and Bhramari Pranayama beneffits in HIndi
Bhramari Pranayam in Hindi
आज हम भ्रामरी प्राणायाम (Bhramari Pranayama) के बारे में चर्चा करेंगे और यह प्राणायाम आपको
मानसिक शांति देने वाला आपको अनिद्रा से दूर करने वाला है बार-बार बात आती है कि हम
अनिद्रा में हो तो क्या करें हमारे अगर तनाव हो तो क्या करें या फिर भ्रामरी प्राणायाम कैसे किया जाता है।
इस विषय पर आज हम थोड़ी चर्चा करेंगे और कैसे और क्यों किया जाता है इसके ऊपर थोड़ी सी बात करें तो देखिए भ्रामरी का मतलब भवरे की आवाज करना यानी इसका नाम भी भ्रामरी इसिलिए लिया गया है क्योंकी इसमें भवरे जैसी आवाज करनी होती है।
हमारे ऋषि मुनि बड़े intelligent थे वो प्रक्रिति के साथ रहकर कुछ चीजे सीखा करते थे भवरे की एक बड़ी शानदार चीज कह इन सकते हैं कि भंवरा जो है वह उड़ता है और कमल के फूल में जैसे कुमुदिनी का फूल होता है उसमें बैठ जाता है।
शाम को वह फूल बंद हो जाता है और भवरा मर जाता है उसे अपने जीवन का मोह भी नहीं है इतना वह तनाव मुक्त होता है।
आज कल की जिंदगी है उसमें तनाव बहुत ज्यादा है। हजारों साल पहले भी तनाव रहता था तो ऋषियों ने देखा की भवरा जो है इतना तनाव से मुक्त है तो इसमें ऐसा क्या है जो ये इतना मुक्त रहता है तो पता चला कि इसकी जो आवाज है वो भवरे को तनाव से मुक्त रखती है।
तो फिर इस रिसर्च से उन्होंने जो प्राणायाम बनाया जिसका नाम था भ्रामरी प्राणायाम (Bhramari Pranayama) या भ्रामरी योग (bhramari yog )
भ्रामरी प्राणायाम करते कैसे है इसके लाभ क्या है। इस प्राणायाम का लाभ सीधा सीधा दिमाग से संबंधित है तनाव से संबंधित है।
जिनको बीपी हाई (high B.P.) रहता है अब बीपी हाई क्यों रहता हे इसके बारे में चर्चा करेंगे बीपी हाई रहने का कारण है की हमारे शरीर में जो ब्लड ले जाने वाली पाइपलाइन है उन पिपलायनों की जो चौड़ाई है वो धीरे धीरे काम हो जाती है।
जहा से हमारे शरीर में खून बहता हे अगर उन नसों की दीवारों पर कोलेस्ट्रॉल (cholesterol) जम जाता है चिकनाई जम जाती है तो उसकी थिकनेस कम हो जाती है बीच का जो गैप है वो कम हो जाता है तो ब्लड की गति तेज हो जाती है उसी को हम बीपी हाई कहते हैं।
ब्लड का प्रेशर हाई हो ना उसको हम बीपी हाई होना कहते है वो होता इसलिए है क्योंकि उसके अंदर stiffnes आ जाती है एक तो कडापन आ गया दूसरा उसके अंदर कोलेस्टेरोल जम गया ये दोनों बातो को हमें समझना चहिए।
कोलेस्टेरोल को काम करने का तरीका है की पसीना बहाइए शरीर में उल्टी सीधी चीजों का सेवन कम करे। तली हुई चीजे हमारे शरीर में कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाती है दूसरी हमारी नसों के stiff और मजबूत कर देती हो और कड़ा कर देती है इसका ध्यान रखें।
भ्रामरी प्राणायाम करते कैसे है और इसके हाई बीपी में क्या लाभ है हम अगर तनाव से गुजर रहे है तो तनाव हमारे दिमाग की नसों को हिलाने का, वाइब्रेट करने का काम भ्रामरी प्राणायाम करता है।
दिमाग वाइब्रेट होगा तो उसके अंदर ब्लड circulation अच्छेसे चलेगा और हम अपने आप को स्वस्थ महसूस करेंगे।
तो उसके अंदर ब्लड सरकुलेशन बढ़ेगा और हमारा माइंड जो है वह free महसूस करेगा तो आपको कम से कम 21 बार भ्रामरी प्राणायाम करना ही करना है।
अब जो हमने यह सब प्रोब्लेम को देखा इन सब चीजों को ठीक करना है तो एकमात्र ऐसा प्राणायाम है जिसको करने से आपको अनिद्रा में आपको हाई बीपी में आपको heart के रोगों में बहुत लाभ मिलेगा।
Image Source-Google | Image by -yogacentral.in |
इस विषय पर आज हम थोड़ी चर्चा करेंगे और कैसे और क्यों किया जाता है इसके ऊपर थोड़ी सी बात करें तो देखिए भ्रामरी का मतलब भवरे की आवाज करना यानी इसका नाम भी भ्रामरी इसिलिए लिया गया है क्योंकी इसमें भवरे जैसी आवाज करनी होती है।
हमारे ऋषि मुनि बड़े intelligent थे वो प्रक्रिति के साथ रहकर कुछ चीजे सीखा करते थे भवरे की एक बड़ी शानदार चीज कह इन सकते हैं कि भंवरा जो है वह उड़ता है और कमल के फूल में जैसे कुमुदिनी का फूल होता है उसमें बैठ जाता है।
शाम को वह फूल बंद हो जाता है और भवरा मर जाता है उसे अपने जीवन का मोह भी नहीं है इतना वह तनाव मुक्त होता है।
आज कल की जिंदगी है उसमें तनाव बहुत ज्यादा है। हजारों साल पहले भी तनाव रहता था तो ऋषियों ने देखा की भवरा जो है इतना तनाव से मुक्त है तो इसमें ऐसा क्या है जो ये इतना मुक्त रहता है तो पता चला कि इसकी जो आवाज है वो भवरे को तनाव से मुक्त रखती है।
तो फिर इस रिसर्च से उन्होंने जो प्राणायाम बनाया जिसका नाम था भ्रामरी प्राणायाम (Bhramari Pranayama) या भ्रामरी योग (bhramari yog )
भ्रामरी प्राणायाम करते कैसे है इसके लाभ क्या है। इस प्राणायाम का लाभ सीधा सीधा दिमाग से संबंधित है तनाव से संबंधित है।
जिनको बीपी हाई (high B.P.) रहता है अब बीपी हाई क्यों रहता हे इसके बारे में चर्चा करेंगे बीपी हाई रहने का कारण है की हमारे शरीर में जो ब्लड ले जाने वाली पाइपलाइन है उन पिपलायनों की जो चौड़ाई है वो धीरे धीरे काम हो जाती है।
जहा से हमारे शरीर में खून बहता हे अगर उन नसों की दीवारों पर कोलेस्ट्रॉल (cholesterol) जम जाता है चिकनाई जम जाती है तो उसकी थिकनेस कम हो जाती है बीच का जो गैप है वो कम हो जाता है तो ब्लड की गति तेज हो जाती है उसी को हम बीपी हाई कहते हैं।
ब्लड का प्रेशर हाई हो ना उसको हम बीपी हाई होना कहते है वो होता इसलिए है क्योंकि उसके अंदर stiffnes आ जाती है एक तो कडापन आ गया दूसरा उसके अंदर कोलेस्टेरोल जम गया ये दोनों बातो को हमें समझना चहिए।
कोलेस्टेरोल को काम करने का तरीका है की पसीना बहाइए शरीर में उल्टी सीधी चीजों का सेवन कम करे। तली हुई चीजे हमारे शरीर में कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाती है दूसरी हमारी नसों के stiff और मजबूत कर देती हो और कड़ा कर देती है इसका ध्यान रखें।
भ्रामरी प्राणायाम करते कैसे है और इसके हाई बीपी में क्या लाभ है हम अगर तनाव से गुजर रहे है तो तनाव हमारे दिमाग की नसों को हिलाने का, वाइब्रेट करने का काम भ्रामरी प्राणायाम करता है।
दिमाग वाइब्रेट होगा तो उसके अंदर ब्लड circulation अच्छेसे चलेगा और हम अपने आप को स्वस्थ महसूस करेंगे।
तो उसके अंदर ब्लड सरकुलेशन बढ़ेगा और हमारा माइंड जो है वह free महसूस करेगा तो आपको कम से कम 21 बार भ्रामरी प्राणायाम करना ही करना है।
अब जो हमने यह सब प्रोब्लेम को देखा इन सब चीजों को ठीक करना है तो एकमात्र ऐसा प्राणायाम है जिसको करने से आपको अनिद्रा में आपको हाई बीपी में आपको heart के रोगों में बहुत लाभ मिलेगा।
Bhramari Pranayama for Sleep:
आपको २१ बार कम से
कम भामरी प्राणायाम रोज करना चाहिए अगर आप २१ से ५१ कर सके तो बहुत बढ़िया,इससे आपकी अनिद्रा की समस्या बिल्कुल ठीक हो जाएगी और अगर फिर भी रात को सोते समय आपको
नींद नहीं आती तो आप भ्रामरी प्राणायाम कर सकते हैं।
How to do Bhramari Pranayam in Hindi :
भ्रामरी प्राणायाम कैसे करें?
- भ्रामरी प्राणायाम के सर्वप्रथम किस जगह का चयन करके उस पर आसन बिछाकर पद्मासन या फिर सुखासन पर बैठ जाइए।
- पद्मासन लगाने के लिए सर्वप्रथम अपने बाएं पैर को उठाकर अपने दाएं पैर की जांग पर रखेंगे फिर दाएं पैर को उठाकर अपने बाएं पैर की जांग पर रखेंगे।
- इसके बाद अपने दोनों हाथों को अपने कंधों के समांतर उठाकर अपने अंगूठे से अपने कानों के छेद को बंद करेंगे।
- अब अपनी तर्जनी और मध्यमा उंगली को अपनी बाहों के थोड़ा सा ऊपर रखें बाकी अनामिका और कनिष्ट उंगली को अपने आंखों के ऊपर रखेंगे।
- अपने दोनों हाथों को ना तो अधिक दबाए और नाही एकदम फ्री छोड़े।
- फिर एक लंबा धीमा गहरा श्वास आप अंदर लेंगे और श्वास छोड़ने के साथ-साथ ओम का उच्चारण करेंगे।
- ओम का उच्चारण अपने मन में करना है और बाहर जो ध्वनि आएगी वह एक भवरे की गूंज के सामान आएगी।
- श्वास अंदर लेने का समय करीब ३ से ५ सेकंड का होना चाहिए और बाहर छोड़ने का समय करीब १५ से २० सेकंड का होना चाहिए।
Bhramari Pranayama Benefits in Hindi
भ्रामरी प्राणायाम के फायदे क्या है?
१.भ्रामरी प्राणायाम को करने से साइनस के
रोगी को मदद मिलती है।
२.इस प्राणायाम के अभ्यास से मन शांत होता है और मानसिक तनाव
दूर हो जाता है।
३.उच्च रक्त चाप के रोगी को भी इस प्राणायाम से लाभ मिलता है।
४.इसके द्वारा माइग्रेन
की समस्या को दूर किया जा सकता है
५.गर्भवती महिलाओं के भ्रामरी प्राणायाम करने से
डिलीवरी के वक्त शिशु जन्म संस्था से हो जाता है।
६.और इस प्राणायाम से गर्भवती
महिलाओं की अंतः स्रावी प्रणाली को अच्छी तरह से काम करने में मदद मिलती है।
७.इसके
द्वारा हमारी सोच सकारात्मक बनती है।
८.भय,अनिद्रा चिंता गुस्सा और दूसरे सभी प्रकार के
मानसिक विकारों को दूर करता है।
९.थायरॉइड की समस्या से पीड़ित व्यक्ति अगर इस प्राणायाम का अभ्यास करे तो उन्हें भी लाभ मिलता है।
१०.भ्रामरी प्राणायाम का
अभ्यास लंबे समय तक करने से हमारी आवाज मधुर बनती है।
११.हमें इस प्राणायाम का अभ्यास अनुलोम विलोम के बाद
करना चाहिए।
कान में दर्द या किसी प्रकार का संक्रमण होने पर भामरी प्राणायाम ना
करें।
Contraindication of Bhramari Pranayama
Contraindication of Bhramari Pranayama
भ्रामरी प्राणायाम उन लोगों को नहीं करना चाहिए जिनका बीपी लो रहता है।
मतलब जो हमारी नसों की पाइप लाइन है ब्लड ले जाने वाली वह चौड़ी हो जाती है मोटी हो जाती है उससे ब्लड की गति धीरे हो जाती है भ्रामरी उसको और फैलाता है तो आपका और बीपी डाउन हो सकता है।
तो ध्यान रखे लो बीपी (low B.P.) वाले इसको ना करें यह सावधानी आपको रखनी है।
मतलब जो हमारी नसों की पाइप लाइन है ब्लड ले जाने वाली वह चौड़ी हो जाती है मोटी हो जाती है उससे ब्लड की गति धीरे हो जाती है भ्रामरी उसको और फैलाता है तो आपका और बीपी डाउन हो सकता है।
तो ध्यान रखे लो बीपी (low B.P.) वाले इसको ना करें यह सावधानी आपको रखनी है।
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