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In this post we will discuss about the 2nd important pranyama that is Anulom Vilom Pranayama in Hindi

Anulom Vilom Pranayam 

In this post we will discuss in brief about Anulom Vilom Pranayam in hindi as well as benefits of anulom vilom pranyam in hindi.

अनुलोम विलोम प्राणायाम 

अनुलोम विलोम प्राणायाम को नाड़ी शोधन प्राणायाम भी कहते हैं क्योकि इससे हमारे शरीर की नाडिया शुद्ध होती है।  

हमारे शरीर में ७२००० नाडिया है उसमे से आधी मतलब ३६००० नाडिया इड़ा (ida) और ३६००० नाडिया पिंगला (pingala) नाडिया होती है। 

जब इनमें हम संतुलन बनाकर रखते हैं तो इन नाड़ियो का मिलने के बाद सुषुम्ना नाड़ी का उद्गम होता है जो शुन्य से परे है सुषुम्ना नाड़ी (Sushumna nadi) activate करते ही हमारे शरीर की ऊर्जा और एक शुन्य का भाव हमारे शरीर में आ जाता है। 

   
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How to do Anulom Vilom Pranayam :

अनुलोम विलोम प्राणायाम कैसे करें?


अनुलोम विलोम करते समय आप लोगों को ध्यान रखना है कि आपका पूरा ध्यान आपके श्वास पर ही होना चाहिए। 

अनुलोम विलोम करने के लिए आप किसी भी आसन में बैठ सकते है वो चाहे वज्रासन हो, सुखासन हो, अर्ध पद्मासन हो या पूर्ण पद्मासन हो किसी भी आसन में आप बैठ सकते है। 

उसके बाद अपनी कमर पीछे से ऊपर तक सीधा कर लीजिए अपने हातो को पूरी तरह relax छोड़ दिजिए दोनों हातो की सबसे पहले ज्ञान मुद्रा बनाए उसके बाद सीधे हात की विष्णु मुद्रा बना लिजिए। 


और प्राणायाम को शुरू करने की लिए अंगूठे को दाए नाक पर दबाते हुए श्वास को अंदर ले और बाए नाक से बाहर छोड़ दे। 


कई बार लोग श्वास अंदर लेते समय और बाहर छोड़ते समय शरीर को पूरा हिलाते है शरीर को बिल्कुल भी न हिलाए इस बात का ध्यान रखे। 


आप हर सुबह और शाम 10 से 15 मिनट तक अभ्यास कर सकते हैं क्योंकि यह प्राणायाम बहुत आराम देता है और यह प्राणायाम हमें बहुत समृद्ध ऑक्सीजन देता है

अनुलोम करते समय आपको श्वास आराम से सजगता से और पुरे ध्यान से अंदर लेनी है और बाहर की ओर छोड़नी है  और कमर को सीधा रखना है और अपनी आँखों को बंद रखना है। 

अनुलोम विलोम करते समय कई लोग अंगूठे को ज्यादा प्रेस कर देते है ध्यान रखे आपको ऐसा बिलकुल भी नहीं करना है और बाकि की उंगलियों को भी ज्यादा प्रेस ना करे और गर्दन को सीधा रखते हुए ही इस प्राणायाम का अभ्यास करे। 

आप शुरुआत में दस बार तक इस प्राणायाम का अभ्यास कर सकते हैं फिर धीरे-धीरे आप समय बढ़ा सकते हैं।   

इसलिए हमेशा खुली हवा में इसका अभ्यास करना पसंद करें और सुबह अभ्यास करना पसंद करें क्योंकि सुबह वातावरण में समृद्ध ऑक्सीजन होती है। 


Anulom Vilom Pranayama Benefits :                              

अनुलोम विलोम प्राणायाम के लाभ :


१.अनुलोम विलोम से हमारे शरीर में मौजूद सुक्ष्म से भी सुक्ष्म  ७२,७२,१०,२१० नाड़ियों की शुद्धि होती है। 
इसलिए इसे नाड़ी शोधन प्राणायाम (Nadi Shodhan Pranayam) ही कहते हैं। 
जिससे शरीर स्वस्थ आभा में और शक्तिशाली बनता है।  

२.वजन घटाने के लिए भी यह बेहद फायदेमंद है इसे करने से और मोटापा भी कम होता है। 

३.सर्दियों में शरीर का तापमान कम होने से सर्दी जुकाम जैसी समस्याएं होती हैं लेकिन यदि इस योग को 
ठंडी के दिनों में किया जाए तो हमारे शरीर का तापमान संतुलित रहता है जिससे सर्दी जुकाम आदि रोग नहीं 
होते है। 

४.अनुलोम विलोम प्राणायाम से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है जिससे मधुमेह शुगर जैसी समस्याएं भी खत्म 
हो जाती है। 

५.अनुलोम-विलोम प्राणायाम से sinus भी ठीक हो जाता है और tonsil की परेशानियों में भी आराम मिलता 
है। 

६.अनुलोम-विलोम से arthritis और cartilage का घिसना ऐसी बीमारियां भी ठीक हो जाती है। 

७.अनुलोम विलोम प्राणायाम से ब्रेन ट्यूमर जैसी खतरनाक बीमारियां ठीक हो जाती है और आपकी याददाश्त 
मेमोरी (memory) भी बढ़ती है। 

८.अनुलोम विलोम प्राणायाम के दौरान जब हम गहरी सास लेते है रूम के दौरान तो शुद्ध वायु हमारे खून में 
मौजूद जहरीले तत्वों को हमारे शरीर से बाहर निकाल देती और शुद्ध रक्त हमारे शरीर के सभी अंगों में 
जाकर पोषण देता है। 

९.अनुलोम विलोम प्राणायाम से हार्ट की ब्लॉकेज खुल जाते साथ ही शरीर में कोलेस्ट्रॉल (cholesterol) के 
स्तर को भी यह नियंत्रित करता है। 

१०.अनुलोम विलोम प्राणायाम प्रतिदिन खुले वातावरण में किया जाए तो यह हमारे फेफड़ों को मजबूत और 
स्वस्थ बनाता है।  

११.वृद्धावस्था में अनुलोम विलोम करने  से आप स्वस्थ और निरोगी हो जाते हैं साथ ही साथ गठिया जोड़ों का 
दर्द व सूजन आदि शिकायते भी दूर हो जाती है। 

१२.अनुलोम विलोम प्राणायाम से वात पित्त कफ के विकार दूर होते हैं। बीमारी हमेशा वात पित्त कफ के 
के कारण ही होती है। जबकि अनुलोम विलोम प्राणायाम से वात पित्त और कफ की विकार दूर होते है।  

१३.अनुलोम विलोम प्राणायाम के नियमित अभ्यास से नेत्रज्योति बढ़ती है और आपके चश्मे का नंबर भी कम 
होता है। 

१४.अनुलोम विलोम प्राणायाम करने से शरीर में रक्त का संचालन सुधरता है। 

१५.अनुलोम विलोम प्राणायाम से अनिद्रा रोग के लिए बहुत ही लाभदायक है। 

१६.माइग्रेन (Migraine) तनाव क्रोध स्मरणशक्ति से पीड़ित लोगो के लिए यह विशेष लाभदायक है और 
आपकी सकारात्मक सोच को भी बढ़ाता है। 

१७.अनुलोम-विलोम प्राणायाम मस्तिष्क के सभी विकारों को दूर करने में सक्षम है। 

१८.अनुलोम विलोम प्राणायाम को करने से एलर्जी और चर्म रोग की समस्याएं खत्म हो जाती हैं। 

१९.अनुलोम विलोम प्राणायाम दमा जैसी बीमारियों को भी जड़ से खत्म कर देता है। 

२०.अनुलोम विलोम प्राणायाम हाई ब्लड प्रेशर और लो ब्लड प्रेशर में भी लाभकारी है। 

 










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