The most important Pranayama of yoga is Kapalbhati Pranayama, here we will discuss about Kapalbhati Benefits in hindi
Kapalbhati Benefits in hindi
कपालभाति प्राणायाम के लाभ
कपालभाती प्राणायाम योग में सबसे अच्छा प्राणायाम है। कपालभाती
एक संस्कृत शब्द है जिसमें कपाल का मतलब खोपड़ी और भाती का मतलब एक साथ चमकता है, इसका
मतलब है चमकता हुआ माथा
यह आपके माथे को चमकता है क्योंकि यह आपके मस्तिष्क को साफ
करता है
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Kapalbhati Pranayama Benefits in hindi
यदि
आप कपाल भाति प्राणायाम
का नियमित अभ्यास करते हैं तो
आप सभी बीमारियों से
दूर रह सकते हैं।
किसी भी सामान्य बीमारी
के लिए आप इसका
अभ्यास 5 से 15 मिनट तक कर
सकते हैं और किसी
भी तीव्र बीमारी के लिए आप
30 मिनट तक अभ्यास कर
सकते हैं।
कपालभाति (Kapalbhati) कैंसर को ठीक करने
में मदद करता है।
यह महिलाओं की विभिन्न समस्याओं
को ठीक करता है
- गर्भाशय में फाइब्रॉएड (Fibroids in Uterus)
- अंडाशय में पुटी (Cyst in ovary)
- पॉलीसिस्टिक अंडाशय सिंड्रोम (PCOS)
- यदि फैलोपियन ट्यूब बंद हैं
- अगर यह अंडा नहीं बना रहा है
- अगर पीरियड्स नियमित नहीं हैं
पुरुषों
में अगर शुक्राणुओं की
संख्या (Sperm Count) कम है तो
कपालभाती प्राणायाम इस समस्या को
भी ठीक कर देगा.
कपालभाति
प्राणायाम के निरंतर अभ्यास
से शरीर में कहीं
भी मौजूद पित्त की पथरी (kidney stone), अग्न्याशय की
पथरी (gall stone) और पथरी की
समस्या ठीक हो जाती
है।
यह धमनी (artery) में कहीं भी
मौजूद थक्के (clott) को ठीक करता
है और आपके पूरे
शरीर में रक्त के
प्रवाह को बेहतर बनाता
है
(Kaplabhati
pranayama) कपालभाति प्राणायाम
आपकी हड्डियों की कमजोरी को
ठीक करता है.
यदि
आपके शरीर में पोषक
तत्वों, सूक्ष्म पोषक तत्वों, आयरन,
प्रोटीन विटामिन और विटामिन बी
12 की कमी है तो
कपालभाति प्राणायाम का निरंतर अभ्यास
हमारे शरीर में इन
सभी स्तरों को सामान्य करेगा.
कपालभाती
के निरंतर अभ्यास से पेट से
जुड़ी सभी समस्याएं ठीक
हो जाती हैं जैसे ;
- मोटापा (Obesity)
- गैस (Gas)
- कब्ज (Constipation)
- पेट की गैस
- कोलाइटिस (ulcerative colitis)
- धन (Piles)
- दरार (Fissure)
- नासूर (fistula)
(Kapalbhati
pranayama) कपालभाति प्राणायाम हड्डियों की
सभी समस्याओं को भी ठीक
करता है.
- गठिया (Arthritis)
- संधिशोथ (Rheumatoid arthritis)
- ऑस्टियोपोरोसिस (Ostroporosis)
- ऑस्टियोपीनिया (Osteopenia)
- हड्डियों की किसी भी समस्या के लिए कपालभाती बहुत कारगर है।
How to do Kapalbhati Prnayam
कपालभाति प्राणायाम करने की विधि
1. कपालभाति प्राणायाम करने के लिए सीधे बैठ जाए।2. अगर आप पद्मासन में बैठ सकते हैं तो पद्मासन में बैठे अगर नहीं बैठ सकते तो आप सुखासन में भी बैठ सकते है लेकिन याद रखे आपकी रीड की हड्डी सीधी होनी चाहिए।
3. अपने दोनों हाथों को ज्ञान मुद्रा में लेकर आए और घुटने पर रख दे।
4. कपालभाति प्राणायाम शुरू करने के लिए एक लंबी गहरी सांस ले और सास को झटके से बाहर छोड़े जब आप यह करते हैं तो आपका पेट अंदर जाना चाहिए।
5. कपालभाति प्राणायाम में आपको यही क्रिया हर बार करनी होती है जब भी आप सास बाहर छोड़ते हैं आपका पेट अंदर जाता है और सास अपने आप ही स्वाभाविक गति से अंदर जाती है
6. इस प्राणायाम को आपको 10 से 15 बार करना है , जैसे-जैसे आपका अभ्यास बढ़ेगा आप इसकी गति को बढ़ा सकते हैं शुरू में 1 सेकंड में एक बार और अभ्यास बढ़ने पर एक सेकंड में तीन बार कर सकते हैं युवा लोग इसको तेज गति से कर सकते हैं।
7. कुछ लोग कपालभाति प्राणायाम को गलत तरीके से करते हैं याद रखें कपालभाति प्राणायाम करते समय आपको अपने कंधे हिलाने नहीं है।
8. चेहरे पर कुछ हावभाव नहीं होना चाहिए, चेहरा एकदम शांत होना चाहिए यह प्राणायाम करते समय आपको शांति से पेट अंदर और सास बाहर छोड़ते हुए हर रोज इसका अभ्यास 10 से 15 मिनट करना है।
Is Kapalbhati harmful?
क्या कपालभाति हानिकारक है?
1. कपालभाति प्राणायाम करते समय सावधानी भी रखनी होती है कोई भी योग की क्रिया प्राणायाम हो या आसन हो जोर जबरदस्ती से नहीं करना चाहिए।
2. हम सभी रोगों में प्राणायाम कर सकते हैं लेकिन यदि आपको हर्निया (Hernia) की प्रॉब्लम है , हाई ब्लड प्रेशर (high blood pressure) है तो आप किसी प्रशिक्षित Yoga teacher के निरिक्षण में ही इस प्राणायाम को करे।
3. शरीर में कमजोरी है तो प्राणायाम धीरे धीरे करें।
4. अगर आपका कोई ऑपरेशन हुआ है पेट का ऑपरेशन ,किडनी का ऑपरेशन या लिवर का ऑपरेशन तो ऑपरेशन के 4 से 6 महीने के बाद आप धीरे-धीरे कर सकते हैं।
5. जिनको अस्थमा की बहुत ज्यादा प्रॉब्लम है वह कपालभाति ना करें। 6. महिलाएं मासिक धर्म (period) में कपालभाति प्राणायाम का अभ्यास ना करें।
7. महिलाएं गर्भवती है वह भी कपाल भारती का अभ्यास ना करे।
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