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Showing posts from April, 2020

In this post we will discuss about Bhramari Pranayama in Hindi and Bhramari Pranayama beneffits in HIndi

Bhramari Pranayam in Hindi  आज हम भ्रामरी प्राणायाम (Bhramari Pranayama)  के बारे में चर्चा करेंगे और यह प्राणायाम आपको मानसिक शांति देने वाला आपको अनिद्रा से दूर करने वाला है बार-बार बात आती है कि हम अनिद्रा में हो तो क्या करें हमारे अगर तनाव हो तो क्या करें या फिर भ्रामरी प्राणायाम कैसे किया जाता है।  Image Source-Google | Image by - yogacentral.in इस विषय पर आज हम थोड़ी चर्चा करेंगे और कैसे और क्यों किया जाता है इसके ऊपर थोड़ी सी बात करें तो देखिए भ्रामरी का मतलब  भवरे  की  आवाज करना यानी इसका नाम भी भ्रामरी इसिलिए लिया गया है क्योंकी इसमें भवरे जैसी आवाज करनी होती है।  हमारे ऋषि मुनि बड़े intelligent थे वो प्रक्रिति के साथ रहकर कुछ चीजे सीखा करते थे भवरे की एक बड़ी  शानदार चीज कह इन सकते हैं कि भंवरा जो है वह उड़ता है और कमल के फूल में जैसे कुमुदिनी का फूल होता है उसमें बैठ जाता है।  शाम को वह फूल बंद हो जाता है और भवरा मर जाता है उसे अपने जीवन का मोह भी नहीं है इतना वह तनाव मुक्त होता है।    आज कल की जिंदगी है उसमें तनाव बहुत ज्यादा है।  हजारों साल पहले भी तनाव

In this post we will discuss about the 2nd important pranyama that is Anulom Vilom Pranayama in Hindi

Anulom Vilom Pranayam  In this post we will discuss in brief about Anulom Vilom Pranayam in hindi as well as benefits of anulom vilom pranyam in hindi. अनुलोम विलोम प्राणायाम  अनुलोम विलोम प्राणायाम को नाड़ी शोधन प्राणायाम  भी कहते हैं क्योकि इससे हमारे शरीर की नाडिया शुद्ध होती है।   हमारे शरीर में ७२००० नाडिया है  उसमे से आधी मतलब ३६००० नाडिया  इड़ा (ida)  और ३६००० नाडिया पिंगला (pingala) नाडिया होती है।  जब इनमें हम संतुलन बनाकर रखते हैं तो इन नाड़ियो का मिलने के बाद सुषुम्ना नाड़ी का उद्गम होता है जो शुन्य से परे है  सुषुम्ना नाड़ी   (Sushumna nadi) activate करते ही  हमारे शरीर की ऊर्जा और एक शुन्य का भाव हमारे शरीर में आ जाता है।      Add caption Image Source-Google | Image by -  www.pinterest.com                   How to do Anulom Vilom Pranayam : अनुलोम विलोम प्राणायाम कैसे करें? अनुलोम विलोम करते समय  आप लोगों को ध्यान रखना है कि आपका पूरा ध्यान आपके श्वास पर ही  होना चाहिए।  अनुलोम विलोम करने के लिए आप किसी भी आसन में बैठ सकते है वो चाहे वज